
ब्रीफिंग में जब पीछे की स्क्रीन पर 1.40 मिनट की वो फिल्म चलने लगी, तो हर आंख में आंसू और हर लहजे में आग थी। बीच में विदेश सचिव विक्रम मिसरी, दाएं कर्नल सोफिया कुरैशी और बाईं ओर विंग कमांडर व्योमिका सिंह… और पीछे स्क्रीन पर लहूलुहान इतिहास — संसद से पहलगाम तक का।
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एक फिल्म, जिसमें भारत का हर जख्म बोल उठा
“जब दुनिया नई सदी को गले लगा रही थी, भारत आतंक से लड़ रहा था…”
यह अंग्रेज़ी वॉइसओवर जितना शांत था, उसके बाद के दृश्य उतने ही भयानक।
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2001 संसद हमला: लोकतंत्र पर AK-47
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2002 अक्षरधाम हमला: मंदिर में कत्लेआम
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2008 मुंबई हमला: होटल ताज में जलती इंसानियत
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2016 उरी हमला
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2019 पुलवामा
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और 2025, पहलगाम…
हर दृश्य में चीखें थीं, धुआं था, और एक सवाल था— कब तक?
अब नहीं, NO MORE
Operation Sindoor के साथ भारत ने जवाब दे दिया— “अब नहीं। Enough is enough.” 100 किलोमीटर अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को चुनना सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, पाकिस्तान की फेल आतंक नीति की खुली धज्जियां थी।
और ये भी कोई संयोग नहीं था कि ब्रीफिंग में दो बेटियां खड़ी थीं— कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह।
ऑपरेशन सिंदूर: सुहागिनों के सिंदूर का बदला
जिस आतंक ने पहलगाम में हंसती-खेलती औरतों का सिंदूर उजाड़ा, उसी का जवाब बना — “ऑपरेशन सिंदूर”। सूत्रों की मानें तो यह नाम खुद पीएम मोदी ने सुझाया। कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका की मौजूदगी इस बात का प्रतीक बनी कि भारत की बेटियां अब खामोश नहीं रहेंगी — वो जवाब देंगी, वो वार करेंगी।
पाकिस्तान को कूटनीतिक संदेश भी मिला
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ कहा —
“भारत ने सीमापार आतंकवाद का जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है।” मतलब साफ है — यह सिर्फ गोली नहीं, राजनयिक गोली भी थी। भारत ने आतंक को भी मारा और दुनिया को भी दिखाया कि अब कोई ‘गहरी चिंता’ नहीं, बल्कि गहरी घुसपैठ होगी — जब तक आतंक की जड़ न कटे।
ब्रीफिंग बनी पाकिस्तान की नींद हराम
इस ब्रीफिंग में जो फिल्म दिखाई गई, वह किसी थ्रिलर से कम नहीं थी। लेकिन यह कहानी काल्पनिक नहीं थी — यह पाकिस्तान की सच्चाई थी। हर फ्रेम में एक Warning थी: “अब अगर एक भी गोली चली… तो जवाब ऑपरेशन सिंदूर से भी तीखा होगा।”
अब भारत चुप नहीं रहेगा
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब:
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न आतंक झेलेगा,
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न दुनिया की ‘चिंता’ सुनेगा,
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न आतंकी पनाहगाह बख्शेगा।
भारत बोलेगा भी, और गोली भी चलाएगा — कूटनीति से और कंधे से।
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